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उन्हें शौक है उन्हें उनके नाम से जाना जायें,मेरी तमन्ना है मुझे मेरे काम से जाना जायें- सत्यप्रकाश


उन्हें शौक है उन्हें उनके नाम से जाना जायें,मेरी तमन्ना है मुझे मेरे काम से जाना जायें- सत्यप्रकाश 

नमस्कार मै सत्य प्रकाश जिलाध्यक्ष मानव सेवा संस्था मऊ अपने विचार आप सभी के बीच रख रहा हूँ जैसा की मानव सेवा संस्था का उद्देश्य मानव सेवा और हम सबकी मानवता भी सेवा कार्य करने के लिए प्रेरित करती रहती है।हमारी संस्था निचले वर्ग से शून्य से कार्य करती है।जमीनी स्तर से जुड़कर लोगों के बीच रह कर कार्य करने वाली संगठन है। मानव सेवा संस्था का नारा मानव सेवा धर्म हमारा मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म का कार्य है।जो उसमें खुशी मिलती है शायद ही कहीं आपको मीले। संस्था ने ये पहल किया कि ठंड का मौसम आ रहा है और ठंड की वजह से गरीबों को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इस वजह से ऐसे लोगों को कपड़े देने का कार्य किया जाए।इस कार्य के लिए न किसी बड़े व्यापारी की आवश्यकता होगी न किसी सहयोगी की हम घर-घर पहुंचेगे और उनसे पुराने कपड़े मांगेंगे और उसे ऐसे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे जिनके पास गर्म कपड़े न हों और उस ठंड से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।हम लोगों ने पहल किया और हमारे मित्रों ने साथ दिया।सर्वप्रथम हमलोगों ने अपने घरों मित्रों के घरों से कपड़े एकत्रित किया और उसे वितरित करने का कार्य किया जिसे देख कई लोग हमारी कार्य से प्रेरित होकर हमलोगों के कार्य मे सहयोग के लिए आगे आये।सभी ने इस कार्य को आगे बड़ाने के लिए मोहल्लों में गलियों में जाकर कपड़ो को एकत्रित करने का कार्य किया और उसे धोकर स्त्री करके उन मलिन बस्तियों में निचले स्तर के लोग जिनको इन कपड़ों की आवश्यकता थी उन तक पहुंचाने का कार्य किया आप कभी किसि मस्जिद के बाहर देखिए तो कोई बुजुर्ग बिना साल ओढ़े कम कपड़े पहन कर भी ठण्ड से ठिठुरते हुए उस पत्थर पर सोया होता है।मन्दिर के बाहर भी कोई बूढ़ा बुजुर्ग कोई आदमी या औरत उस मंदिर के बाहर लेटी नजर आएगी।आप जब जाएंगे तो देखेंगे कोई किसी गुमटी के नीचे छत बनाकर सोया है ताकि उसे सीत न लगे और वो इस ठण्ड से स्वंय को बचा सके।जब खुले आसमान के नीचे बिना कपड़ों के कोई सोता है तो निश्चित तौर पर मानकर चलिए इंसान तो है मगर इंसानियत नहीं है।हम मनुष्य तो है पर मनुष्यत नहीं हमारे अंदर आज भी जानवर भरा है। मै आप सभी से बस इतना निवेदन करना चाहता हूं कि आपके पास जो भी ठण्डी के कपड़े हों जो आप इस्तेमाल नहीं करते छोटे हो गए हों अथवा पुराने हो गए है उन्हें उन लोगों तक पहुंचाए जिन्हें उसकी आवयश्कता उसकी जरूरत है। ताकि आपके वेस्ट किसी का बेस्ट बेस्ट हो सकता है।आस-पास के लोगों को जागरूक करें ताकि एक भी गरीब असहाय बिना कपड़ों के न सोए एक भी गरीब ठण्ड से न मरे। ऐसे कामों के लिए किसी अवसर की तलाश नहीं कि जाति है। कहा गया है " इस धरा पर सब धरा का सब धरा रह जाएगा" जाएगा तो आपका विचार आपके नेक कार्य जाएंगे । एक बार फल करके देखिए मेरे कहने पर नहीं अपने कहने पर अपने अंतरात्मा से आवाज उठाइए की मैने समाज के लिए,नेकी के लिए समाज के हितों के लिए निश्वार्थ भाव से मैने कितना कदम रखा मान कर चलिए आपकी आत्मा भी उतनी ही सुखद महसूस करेगी जितना आप अपने छोटे से बेटे के लिए करते हैं। आपकी आत्मा तृप्त हो जाएगा और प्रसन्नता महसूस होगी।कभी भी जंगल मे आग लगती है एक बार मे ही पूरा जंगल नहीं जलता है पहले एक पेड़ जलता है और फिर पूरे जंगल  में आग लगती है उसी प्रकार हम उस पेड़ की तरह मानव समाज को जागरूक करने का काम करेंगे। इस वातावरण को साफ करने का काम करेंगे। केवल एक ठंडी के कपड़ो की बात नहीं है । जिन्दगियों की बात है कि शायद कोई जिंदगी आप के हाथों से बच जाए और लगे कि मैंने किसी की जान बचाने का काम किया है।आप उस फल के साथ खड़ा होइए। मकर संक्रांति आता है मकर संक्रांति अपनों के बीच मनाने का कार्य करते हैं।चार पतंगे लीजिए और जाइए किसी मलिंगबस्तियों में और उन बच्चों के साथ मनाइए । तब आपको लगेगा कि वाकई इंसानियत की शुरुआत की है। अगर आपके बीच मानवता है तो मन के चलिए मैं इंसान हूँ नहीं तो इंसान के रूप में जानवर हूँ । आज मन बहुत आहत था बहुत दिन से अपनी बात भी नहीं रख पा रहा था।शायद आपके बीच सही से बात को रख भी न पाऊं मेरा बस इतना कहना था। इस धरा पे सब धरा का धरा रह जाएगा।जो आएगा वो आपके कर्म जाएंगे व नेकी जाएगी जो आपके ऊपर हिसाब में दर्ज होगी बहुत-बहुत धन्यवाद । उन्हें शौक है कि उन्हें उनके नाम से जाना जाए मेरी तमन्ना है मुझे मेरे काम से जाना जाए।


सत्य प्रकाश

जिलाध्यक्ष

मानव सेवा संस्था मऊ

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