कोरोना की पहली के साथ दूसरी लहर ने भी शैक्षिक सत्र 2020-2021 को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसका प्रभाव शैक्षणिक कार्यों के साथ परीक्षाओं पर भी पड़ा है. ऑनलाइन क्लासेज के जरिए कुछ हद तक शैक्षणिक कार्य हुआ भी है. लेकिन परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय में ही अधिकतर परीक्षाएं होनी बाकी हैं. कोरोना की पहली लहर कमजोर पड़ने के बाद कुछ विश्वविद्यालयों ने कुछ कक्षाओं की परीक्षाएं आयोजित कर ली थी. लेकिन ज्यादातर बाकी रह गई हैं.
वार्षिक परीक्षा प्रणाली है बड़ी चुनौती
रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी समस्या वार्षिक परीक्षाओं को लेकर है. इस प्रणाली में छात्रों के मूल्यांकन का कोई अन्य विकल्प नहीं है. सेमेस्टर प्रणाली में पूर्व में हो चुकी एक या दो सेमेस्टर की परीक्षाओं में परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों को प्रमोट किया जा सकता है. लेकिन वार्षिक परीक्षा प्रणाली में छात्रों का मूल्यांकन सिर्फ एक ही बार होता है.
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