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Mau:- 'एक नेता ऐसा भी!' राजीव राय के प्रयासों से मऊ आया अवधेश का शव

मऊ जनपद के घोसी थाना के टगुनिया निवासी रामाशीष राजभर के बड़े पुत्र अवधेश राजभर अपने परिवार के भरण पोषण हेतु कई वर्षों से वेस्ट अफ्रीका के एक छोटे से देश बुर्किना फासो में एक ऑक्सीजन गैस प्लांट की कम्पनी में काम करते थे। लगभग 30 दिन पहले उसके मृत्यु की सूचना परिवार को मिली। सूचना मिलने के दिन से ही पूरा परिवार व सभी रिश्तेदार शव के आने का इंतजार कर रहे है। काफी दूर विदेश में होने के कारण कोई सही सूचना प्राप्त नही हो रही थी। इधर परिजनों का एक-एक दिन मुश्किल से कट रहा था। कम्पनी, एजेंट की तरफ से संतोष जनक उत्तर न मिलने पर इसकी जानकारी होने पर मृतक के छोटे भाई ने अपने बुआ के लड़के, मऊ नगर पालिका परिषद के सभासद व सपा नेता धीरज राजभर को दी। धीरज राजभर ने परिवार की व्यथा को अवधेश के परिजनों के साथ राजीव राय को बताई। सपा नेता राजीव राय ने दुःखी परिवार की मदद करने की बात की। राजीव राय ने वेस्ट अफ्रीका के देश बुर्किना फासो मे अपने मित्र व वहाँ के मंत्री इद्रीश से बात की।
अपने स्रोत से राजीव राय अवधेश राजभर के कम्पनी के एमडी व अपने किसी मित्र से बात किए और बगल देश के इंडियन एम्बेसी से मीटिंग करा कर शव को वापस इंडिया भेजने के आश्वासन पर आश्वस्त होकर परिजनों को सूचना देते रहे। इस संदर्भ में कई चक्र व विदेश व अन्य जगह बात करते रहें। अंततः वह दिन आ गया और वेस्ट अफ्रीका के छोटे से देश बुर्किना फासो से अवधेश राजभर का शव भारत के लिए चला। रविवार को शव दिल्ली एयरपोर्ट से पंहुचा और वहां से राजीव राय के आर्थिक मदद से एम्बुलेन्स के द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट मऊ के लिए चला। सोमवार को शव मऊ के घोसी थाना क्षेत्र के गोविन्दपुर टगुनिया पंहुचते ही घर में कोहराम मच गया और एक माह से रोते-रोते पत्थर हो चुके लोग दहाड़ मारकर रोने लगे। पूरा गांव अवधेश की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ा। रोते-रोते भी परिजनों का बुरा हाल था, परिजनों ने कहा हे ईश्वर राजीव राय को संभाल कर रखना वह मामूली इंसान नहीं हैं उनके ही मदद से हम अपने मृत बेटे का मुंह देख पाए।

सभी ने राजीव राय को कहा धन्यवाद…

रिश्तेदार एवं गांव के लोगों द्वारा भी राजीव राय द्वारा किए इस नेक काम की चर्चा एवं प्रशंसा हो रही है। लोगों ने कहा एक महिना से अवधेश के पार्थिव शरीर के लिए परिजन इंतजार कर रहे थे लोगों का रो-रो कर बुरा हाल था परिजनों की तो उम्मीद ही टूट गई थी कि अवधेश के अंतिम दर्शन लोग कर पाएंगे। लेकिन वह तो भला हो राजीव राय का कि जो उनके इस पहल से अवधेश का मृत शरीर विदेश से मऊ आया और लोग उनका अंतिम दर्शन कर सके और पत्नी बच्चे मां पिता भाई-बहन एवं अन्य रिश्तेदार उसकी अंतिम दर्शन करके अपनी संवेदना व्यक्त कर सकें।

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