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राष्ट्र के चिन्तन में विद्यार्थीपरिषद की भूमिका Maubeatmedia



देश में जिस प्रकार से से राष्ट्रवाद और देशद्रोह के मुद्दे पर बहस चल रही है,उसी कड़ी में कुछ बेबुनियाद बातों को लेकर मुझे एक संगठन के अनुसार मुझे यानी विद्यार्थीपरिषद को बदनाम किया जा रहा है,मुझे राजनीतिक कहा जा रहा है,यह सब अब देखते हुए मुझे लगा है कि मुझे आप सभी के बीच सीधे संवाद करना चाहिए, कि मैं कौन हूँ, मेरा अस्तित्व क्या है,मेरी अवधारणा क्या है,मेरा लक्ष्य क्या है,इसके साथ ही आज मैं बहुत सी विचारों पर चर्चा करूँगा,
आइये हम सभी एक नज़र छात्र राजनीति की तरफ भी देखेंगे,
सर्वप्रथम अब मैं आप सभी अपने सभी कार्यक्रमो की संरचना पर चर्चा करूँगा जिससे आप मुझे और बेहतर जान सकते है,
आइये मैं अब आपको अपना परिचय देता हूँ, मैं विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन हूँ, मेरा नाम अखिल भारतीय विद्यार्थीपरिषद है,मेरी स्थापना छात्र हितों के संरक्षण और संवर्धन हेतु 1949 में 9 जुलाई को हुई थी,यानी अब 2020 में मैं पूरे 72 साल का हो चुका हूँ, मेरी स्थापना का मूल उद्देश्य छात्रों के हितों का ध्यान रखते हुए,राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है,छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है इसका आभास सरकारों और लोगो को मेरे द्वारा होता है,अखिल भारतीय विद्यार्थीपरिषद का मूल उद्देश्य छात्रों के अंदर  राष्ट्रवादी चिंतन को जगाना है,राष्ट्र के तौर पर हमारी भावना एक हो,हम एक राष्ट्रवादी विचारधारा से पनपे तो राष्ट्र का पुनर्निर्माण सम्भव है,
अखिल भारतीय विद्यार्थीपरिषद कोई ऐसा संगठन है,जो सिर्फ छात्र संघ चुनाव के समय नही उभरता है,बल्कि विद्यार्थीपरिषद की कार्यशैली पूरे वर्ष कार्य करने की है,विद्यार्थीपरिषद सिर्फ विश्वविद्यालयों में ही नही बल्कि इंटर कॉलेजों,में सामाजिक संस्थानों में भी कार्य करता है,विद्यार्थीपरिषद देशव्यापी सदस्यता होती है,आज का छात्र कल का नागरिक हैं, राजनीति हमारे देश की दिशा और दशा को निर्धारित करती है,तो रजनीति को दशा और दिशा देने का कार्य युवाओं से बेहतर कौन कर सकता है,वैसे समाज का सबसे अशिक्षित व्यक्ति राजनीतिक रूप से निष्क्रिय व्यक्ति ही होता है,जब राजनीति ही हमारे देश की दिशा और दशा को निर्धारित करती है, तो राजनीति की दिशा और दशा को युवाओं को निर्धारित करना चाहिए, जिससे देश को एक सही दिशा मिल सके,इस बार सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए विद्यार्थीपरिषद ने अपने स्थापना दिवस पर बहुत भारी मात्रा में वृक्षारोपण किया,विद्यार्थीपरिषद का सामाजिक अनुभूति का कार्यक्रम जिसमे कार्यकर्ता को गाँव के रहन सहन की जानकारी लेने के लिए गांव में प्रवास पर रहना होता है,जिससे कार्यकर्ता की गाँव को लेकर भटक खुलती है,विद्यार्थीपरिषद का छात्र पंचायत का कार्यक्रम जिसका उद्देश्य अपनी सभ्यता संस्कृति को पुनःजागृत करना होता है,
विद्यार्थीपरिषद का तमाम विद्यालयों में प्रतियोगिताएं कराना,विद्यार्थीपरिषद का प्रतिभा सम्मान समारोह का कार्यक्रम जिसमे उतीर्ण छात्रों प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है,जिससे छात्रों का मनोबल बढ़ सके,ऐसे बहुत सारे कार्यक्रम विद्यार्थीपरिषद के है जिनमे विद्यार्थीपरिषद का एक मात्र उद्देश्य छात्र हित, सामाजिक हित है,विद्यार्थीपरिषद अन्य छात्र संगठनों की तरह मात्र विश्वविद्यालयों में सिर्फ छात्र संघ चुनाव के उद्देश्य से उभरते लोगो की तरह नही है,विद्यार्थीपरिषद पूरे वर्ष विश्व विद्यालय में कार्य करता है,क्योकि विद्यार्थीपरिषद का उद्देश्य चुनाव नही बल्कि राष्ट्र चिंतन, राष्ट्र पुनर्निर्माण है, विद्यार्थीपरिषद से जुड़ा हर छात्र यही कहता है कि वह राष्ट्रभक्ति की पाठशाला से जुड़ा हुआ है,
विद्यार्थीपरिषद ने तमाम बहुत सारे आंदोलन सिर्फ इसलिए किये है कि उसमें सामाजिक हित निहित होता हैं,
हमने भी विद्यार्थीपरिषद में कार्य किया है,विद्यार्थीपरिषद से बखूबी बहुत प्रभावित हूँ,क्योकि इस संगठन में इतनी ताकत है कि कार्यकर्ता मात्र संगठन के विचारों से प्रभावित होकर,संगठन के दिन रात एक करके निस्वार्थ भाव से कार्य करता है,निस्वार्थ शब्द का अर्थ ही यह होगा बिना किसी इच्छा के अपना समय व्यतीत करना,परन्तु समय के साथ उद्देश्य निर्धारित होना चाहिए, और कार्यकर्ताओं का उद्देश्य मात्र संगठन को सीखना,तथा संगठन के हर कार्यक्रम से प्रेरित होना तथा देश के लिए कुछ कर गुजरने क्षमता दोगुनी करना,तथा छात्रों में राष्ट्रवादी चिंतन की भावना जागृत करना संगठन का प्रमुख उद्देश्य होता है,हमे भी गर्व है कि हम विद्यार्थीपरिषद के सिपाही है ।।
                                                        नीरज मौर्य
                                           (विश्लेषक एवम विचारक)
                                                  (पूर्व कार्यकर्ता)

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