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कोरोना से जंग के बीच मोदी सरकार ने डॉक्टरों को दिया बड़ा तोहफा

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कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों की क्वारेंटीन अवधि को अब माना जायेगा ऑन डयूटी।

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार  ने एक बार फिर कोरोना वॉरियर्स  यानी डॉक्टर्स को बड़ा तोहफा दिया है। 

दरअसल कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों को बेहतर सुविधा देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट  में 10 अगस्त  को सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हलफनामा दायर कर कहा है कि कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों की क्वॉरंटीन अवधि को अब 'ऑन ड्यूटी'  माना जाएगा।

यानी अब जो भी डॉक्टर अपनी ड्यूटी के दौरान क्वारंटीन होंगे तो उन्हें ड्यूटी पर ही माना जाएगा। यानी उनके वेतन में छुट्टि की वजह से कटौती नहीं होगी।

 माना जा रहा है कि इस फैसले से डॉक्टरों को बड़ी राहत मिलेगी जो कोरोना काल के दौरान काफी परेशानियां झेल रहे थे।

अब कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर अगर कोरोना पॉजिटिव  पाए जाते हैं तो उनके क्वारंटीन की अवधि में जाना पड़ता है। तो उन्हें 'ऑन ड्यूटी' माना जाएगा।

 सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि इस बारे में 6 अगस्त को सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हलफनामा दायर कर कहा है कि कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों की क्वॉरंटीन अवधि को अब 'ऑन ड्यूटी' माना जाएगा छुट्टी पर नहीं। केंद्र ने कोर्ट को बताया कि 6 अगस्त को सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

*ये है पूरा मामला।*

 दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से ये बताया गया था कि कई जगह डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की क्वारंटीन अवधि को छुट्टी की तरह माना जा रहा है। यही वजह थी कि सर्वोच्च न्यायाल ने इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से जवाब मांगा था।

इसी के जवाब के दौरान केंद्र ने कहा कि इस बारे में 6 अगस्त को सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

आपको बता दें कि यूनाइटेड रेसीडेंट एंड डॉक्टर एसोसिएशन  ने याचिका दायर कर कोर्ट को ये भी बताया था कि दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, त्रिपुरा और कर्नाटक में स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है।

*इसलिए डॉक्टरों का क्वारंटीन अनिवार्य।*

दरअसल कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार कहा था कि चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को ड्यूटी के बाद अनिवार्य रूप से क्वारंटीन में भेजा जाता है।

 पीठ ने पूछा था कि ऐसा क्यों? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि कोशिश की जाएगी कि डॉक्टरों की क्वॉरंटाइन अवधि को ऑन ड्यूटी माना जाए।

कई राज्यों में डॉक्टरों के वेतन को रोके जाने के मामले भी सामने आए थे। ऐसे में कोर्ट ने साफ निर्देश दिया था कि कहीं भी डॉक्टरों के वेतन को ना रोका जाय।

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