डेढ़ साल बाद पकड़े गए हत्या के आरोपी
*मऊ:* सवा साल पूर्व घर से गायब हुए युवक के परिवारीजन ने लापता के मित्र पर अपहरण करने का आरोप लगाकर उसे जेल भेजवा दिया था। जबकि सवा साल बाद बुधवार को पुलिस ने जब इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया, तो परिवार के सदस्य अवाक हो गए। साथ ही घर में रोना धोना मच गया। परिजनों को सवा साल बाद बुधवार को यकीन हुआ कि इंद्रजीत का अपहरण नहीं बल्कि अपहरण कर हत्या की गई है। इंद्रजीत के जिस दोस्त को परिवार के लोग दोषी बनाए थे, वह निर्दोष है।
सवा साल पूर्व लापता हुए युवक इंद्रजीत चौहान 35 पुत्र रामप्रसाद चौहान दोहरीघाट थाना क्षेत्र के मुरादपुर गांव का निवासी था। उसकी हत्या में पुलिस ने जिन दो युवकों को गिरफ्तार किया उसमें खुर्शीद हुसैन उर्फ बाबा पुत्र नाजार अली और सोनू उर्फ अख्तर पुत्र रफीक संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव के निवासी है।
थानाध्यक्ष दोहरीघाट सच्चिदानंद यादव ने बताया कि दोनों आरोपियों को जांच के बाद मुखबिर की सूचना पर गोरखपुर जिले के बड़हलगंज बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार इंद्रजीत चौहान पुत्र रामप्रसाद चौहान अपने दोस्त गोठा गांव निवासी सूर्यभान पुत्र बालकरन चौहान के साथ विदेश जाने की योजना बनाया। इस दौरान दोनों ने खुर्शीद और अख्तर से संपर्क किया। विदेश भेजने के नाम पर दोनों आरोपियों ने इंद्रजीत और सूर्यभान से पचास पचास हजार रुपये लिया।
लेकिन बदले में उन्हें 19 अक्तूबर 2019 टूरिस्ट बीजा दिया। इस बात की जानकारी होने पर दोनों ने विरोध जताया। साथ ही रुपया वापस करने को कहा। हत्यारोपियों ने इंद्रजीत को रुपया देने के लिए अपने यहां बुलाया।
23 अक्टूबर 2019 को पैसा वापस लेने के लिए इंद्रजीत अख्तर पास गया। इस दौरान गिरफ्तार आरोपी ने इंद्रजीत की हत्या कर उसके शव को विकृत कर फेंक दिया। इस शव का शिनाख्त न होने पर चिलुआताल थाने की पुलिस ने शव का पंचनामा कर लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया। दूसरे दिन आरोपियों ने सूर्यभान को रुपया देने के लिए बुलाया।
जब सूर्यभान पहुंचा तो आरोपियों ने उसे भी बाइक पर बीच में बिठाया और सहजनवा नदी के पुल के पर ले कर पहुंचे। यहां आरोपियों ने सूर्यभान को जिंदा ही नदी में फेंक दिया। दोनों को लगा कि सूर्यभान भी इंद्रजीत की तरह मर गया होगा। लेकिन उपर वाले को कुछ और मंजूर था, सूर्यभान जिंदा बच गया।
वह किसी तरह से घर पहुंचा, इस दौरान उसने दोहरीघाट थाने पहुंचकर पुलिस को आपबीती सुनाई, साथ ही इंद्रजीत की पत्नी को भी घटना से अवगत कराया। लेकिन इंद्रजीत की पत्नी सूर्यभान की बातों पर विश्वास न कर उस पर ही पति का अपहरण करने का आरोप लगाई। पत्नी रीता देवी ने एसपी को प्रार्थना पत्र सौंपा, एसपी ने जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया था, लेकिन उस समय थाने पर मौजूद उपनिरीक्षक गंगाराम बिंद ने बिना जांच किए सूर्यभान को आरोपी मानकर जेल भेज दिया। तब से अभी तक सूर्यभान जेल में है।
लेकिन घटना की फाइल अभी भी खुली थी। मामले के विवेचक जगदीश सिंह ने जब विवेचना करते हुए तहतक गए और सूर्यभान ने उन्हे घटनाक्रम से अवगत कराया, तो वो दोनों हत्यारोपियों को दबोचे। पूछताछ करने पर पकड़े गए दोनों आरोपियों ने इंद्रजीत की हत्या करना स्वीकारा। इस संबंध में बात करने पर अपर पुलिस अधीक्षक टीएन त्रिपाठी ने बताया कि अभी और जांच की जाएगी, इसके बाद न्यायिक प्रक्रिया के तहत सूर्यभान को रिहा कराने की कवायद की जाएगी।
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