यूपी के शिक्षामंत्री दिनेश शर्मा ने 01 जून को कहा था कि वे प्रधानमंत्री के परीक्षा रद्द करने के फैसले से खुश हैं और अब यूपी बोर्ड भी अब जुलाई में एग्जाम कराने के अपने फैसले पर पुर्नविचार करेगा. आज मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद उन्होंने परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है. इस फैसले से 12वीं के लगभग 26 लाख छात्रों को राहत मिली है.
इस आधार पर प्रमोट होंगे छात्र 12वीं के छात्रों को भी अपनी पिछले एग्जाम्स के स्कोर के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. छात्रों को प्री-बोर्ड परीक्षा और 11वीं के फाइनल एग्जाम के मार्क्स के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. अगर प्री-बोर्ड एग्जाम नहीं दिए हैं तो 11वीं और 10वीं के एग्जाम के आधार पर छात्र प्रमोट होंगे. बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि जो छात्र बाद में परीक्षा देना चाहेंगे, उनके लिए ऐसी सुविधा होगी मगर फिलहाल वह आगे प्रमोट कर दिए जाएंगे.
शिक्षामंत्री इससे पहले बता चुके थे कि राज्य में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 8 हजार से अधिक एग्जाम सेंटर अलॉट कर लिए गए हैं जबकि क्वेश्चन पेपर की प्रिंटिंग का काम भी पूरा हो चुका है. उन्होंने यह भी कहा था कि महामारी की स्थिति काबू में आने के बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह में 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं. हालांकि, अंत में परीक्षा कैंसिल करने के फैसले पर मुहर लगी.
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