फर्जी दस्तावेज के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ में मुख्तार के गुर्गों ने 2013 में एंबुलेंस पंजीकृत कराई थी। यह एंबुलेंस मुख्तार अपने निजी प्रयोग में ला रहा था। पंजाब में मोहाली कोर्ट में पेशी पर जाते समय इस एंबुलेंस के प्रयोग का राजफाश हुआ। यूपी 41 एटी 7171 पंजीयन नंबर की यह एंबुलेंस मुख्तार शुरू से प्रयोग कर रहा था। इस प्रकरण में एक अप्रैल को कोतवाली नगर में मऊ की संजीवनी हास्पिटल संचालिका डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा कराया। इसकी विवेचना में अलका राय के सहयोगी डा. शेषनाथ राय, विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद सुहैब मुजाहिद, शाहिद, आनंद यादव, राजनाथ यादव सहित मुख्तार अंसारी को भी नामजद किया था। इसमें अलका, शेषनाथ और राजनाथ को पुलिस जेल भेज चुकी है। मुख्तार पहले से मऊ जेल में निरुद्ध है और शेष फरार हैं। विवेचक एमपी सिंह और एसआइ मार्कंडेय सिंह सहित पांच सदस्यीय टीम मुजाहिद और आनंद की तलाश में रविवार को मऊ पहुंची। यहां उनके संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है।
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