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सरयू की धारा में बह गया 70 मीटर वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन

दोहरीघाट (मऊ) : सरयू की विध्वंसक लहरें आखिरी पिलर के बाद के 70 मीटर फोरलेन को बहा ले गई। पानी के दबाव के कारण फोरलेन सूखे तिनके की भांति नदी की धारा में विलीन हो चुकी है। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स की बड़ी लापरवाही का परिणाम माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के राजनीतिक क्षेत्र को जोड़ने वाला वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन एनएचएआइ व निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स की चूक को लेकर लोगों में आक्रोश है। फोरलेन निर्माण के लिए चार वर्ष पूर्व हुए सर्वे के मुताबिक बीच नदी में पुल का आखिरी पिलर बनाया गया।

वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन के लिए 2016 में सर्वे हुआ था। गर्मी के दिन में एनएचएआई के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने बकायदा सर्वे किया था। उस दौरान नदी में नाममात्र पानी था। एनएचएआइ के इंजीनियरों को नदी की विभीषिका का अंदाजा नहीं हुआ और मौके को देखते हुए 900 मीटर का पुल प्रस्तावित कर दिया।

इसमें गोरखपुर जनपद के हिस्से के तरफ पुल का आखिरी पिलर नदी के गर्भ में 70 मीटर पहले ही पड़ रहा था। एनएचएआइ के अधिकारियों ने इसे पास कर दिया। दिन-रात काम होने लगा। निर्माण इकाई ने आखिरी पिलर के बाद 70 मीटर तक मिट्टी आदि पाटकर पूरी सड़क को तैयार कर दिया था। इधर उफनाई नदी पिलर के बाद वाले सड़क के हिस्से को काटकर बहा ले गई। पुल के पिलर व गोरखपुर वाले क्षेत्र के बीच नदी की तेज लहरें हिलोरें मार रही हैं।

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