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कोविशील्ड के नकली टीके को लेकर यूपी में अलर्ट

दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के देशों में कोविशील्ड का नकली टीका सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पूरी तरह सतर्क हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा नकली टीका मिलने की पुष्टि के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से वैक्सीन की सप्लाई चेन की निगरानी व गुणवत्ता की जांच और सख्ती के साथ करने के निर्देश दिए हैं। खासकर निजी अस्पतालों में बनाए गए कोरोना टीकाकरण केंद्रों की मानीटरिंग और सख्त करने को कहा गया है। बड़ी संख्या में टीके लगाने के विशेष सत्र के दौरान टीमें बनाकर जांच की जाएगी, ताकि किसी भी कीमत पर प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को नकली टीका न लग सके।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया व अफ्रीका के देशों में कोविशील्ड टीके की निर्माता कंपनी ने परीक्षण करने के बाद वैक्सीन के नकली होने और ऐसे किसी भी टीके की आपूर्ति न किए जाने की पुष्टि की है। ऐसे में नकली टीके के प्रयोग से बचाव के लिए सप्लाई चेन की निगरानी बढ़ाए जाने और टीके के उपयोग से पहले गुणवत्ता की स्थिति को सावधानी पूर्वक प्रमाणित करने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में अब 7.27 करोड़ लोगों को टीके लगाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 6.4 करोड़ टीके सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड के हैं। बाकी 86.52 लाख टीके भारत बायोटेक द्वारा बनाए गई कोवैक्सीन के लगाए गए हैं। यानी यूपी में अब तक जितने टीके लगे हैं उसमें से 88 फीसद कोविशील्ड के हैं और बाकी 12 फीसद कोवैक्सीन के लगे हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 6.10 करोड़ लोगों ने कम से कम टीके की एक डोज लगवा ली है। वहीं 1.16 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक वैक्सीन की दोनों डोज लगवाकर कोरोना के खिलाफ सुरक्षा चक्र मजबूत कर लिया है। फिलहाल टीके की दोनों डोज अब तक 16 प्रतिशत लोगों ने ही लगवाई है। ऐसे में दूसरा टीका लगवाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिलों में बनाए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से ऐसे लोग जो निर्धारित तारीख बीतने के बावजूद अब तक वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने नहीं पहुंचे हैं, उन्हें फोन कर टीकाकरण केंद्रों पर बुलाया जा रहा है।

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