लगभग 12 साल बाद तमसा के जलस्तर में आये उफान के चलते शहर क्षेत्र अंतर्गत भीटी से लगाये बंधा मार्ग के किनारे निर्मित मकान पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं। ढेकुलिया घाट स्थित शवदाह स्थल भी पूरी तरह से डूब गया है। सबसे अधिक कोल्हाण गांव की आबादी प्रभावित है। इस गांव में जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। हाल यह है कि पीड़ित परिवार अपने सामान को लेकर सुरक्षित स्थानों पर निकल गये हैं। नदी में उफान के चलते कोपागंज का मीरपुर, इकौना, कोटवा कोपड़ा, पुराघाट, नौसेमर, जहनियांपुर, परदहा का बैजापुर, कासिमपुर, सहरोज आदि गांवों के निचले इलाकों के खेत पूरी तरह जलमग्न हैं। अधिशासी अभियंता सिचाई विरेंद्र पासवान ने बताया कि बारिश का पानी नदी में आ रहा है। इसको देखते हुए सभी रेग्युलेटर बंद कर दिए गए हैं। बंधों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। उधर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से भी लोगों में व्यापक आक्रोश है। अब तक कोई भी जनप्रतिनिधि बाढ़ पीड़ित लोगों की सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा है।
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