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Tamsa River Mau:- शहर के कई मोहल्लों में कमर तक भरा पानी, नदी के तीन रेग्युलेटर बंद

डेढ़ दशक बाद तमसा में ऐसा ऊफान, प्रशासन प्रतिबद्ध,सहमें लोग
मऊ : लगातार दो दिनों से हो रही बारिश व तमसा नदी में उफान के चलते शहर के आधा दर्जन से अधिक निचले मोहल्लों में कमर तक पानी भर गया है। नदी का जलस्तर नालों से अधिक हो जाने के कारण नालों के रास्ते पानी नदी में नहीं जा पा रहा है। इसके चलते हठ्ठी मदारी, पठानटोला, मठिया टोला, मलिक ताहिरपुर, खटिक टोला, बैरबग्गा आदि मोहल्ले के सैकड़ों घरों में जलजमाव के चलते पानी घुस गया है। आलम यह है कि दर्जनों घरों में दाना-पानी बंद हो गया है। सात में से तीन नालों पर लगे रेग्युलेटर को बंद कर नगर पालिका प्रशासन शहर के बाकी मोहल्लों को बचाने के लिए अलर्ट हो गया है।

ज्यादा दिक्कत शहर के हठ्ठी मदारी, मलिक ताहिरपुरा एवं मुंशीपुरा तथा रघुनाथपुरा में है। यहां पर मजबूरी में लोगों को दूसरे जगह शरण लेनी पड़ रही है। नगर पालिका अध्यक्ष तैय्यब पालकी ने भदेसरा से लेकर हठ्ठी मदारी व मुंशीपुरा तक हालात का जायजा लेने के बाद कई स्थानों पर पंपिग सेट लगाकर पानी को नदी में गिराए जाने का प्रबंध किया है। शनिवार की दोपहर तक मठिया टोला व हठ्ठीमदारी का पानी निकालने के लिए ढेकुलियाघाट के पास नगर पालिका प्रशासन की ओर से लगाए गए पंपिग सेट ने काम करना शुरू कर दिया।
नगर पालिका क्षेत्र का एक वार्ड बइरबग्गा मोहल्ला तमसा नदी में आई बाढ़ से चारों तरफ पानी से घिर कर टापू में तब्दील हो गया है। लगभग 10 हजार आबादी वाले बइरबग्गा मोहल्ले के लोगों की दुश्वारियां काफी बढ़ गई हैं। फिलहाल शहर से उनका संपर्क टूट चुका है। नगर पालिका परिषद के कार्यालय में आने के लिए भी यहां के लोगों को सात किलोमीटर घूमकर आना पड़ रहा है।
बारिश की वजह से शहर के कई इलाकों में भवनों को भी नुकसान हुआ हैं।पहसा क्षेत्र अंतर्गत बकुचीडाडीडीह ग्वाल पुरा में मुसलधार बारिश के चलते कच्चा मकान धराशायी हो गया। वहीं कोईिरयापार क्षेत्र अंतर्गत ग्रामसभा अन्नूपार में तेज बारिश के चलते कच्चा मकान गिर गया है। जिससे रखा सामान दबकर नष्ट हो गया है। उधर रानीपुर क्षेत्र के फतेहपुर बाजार से सर सेना मार्ग पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित। बताते दे की फतेहपुर बाजार से 100 मीटर की दूरी पर गिरा पेड़। 

मोहम्मदाबाद गोहाना क्षेत्र के चकसोना गांव में बाद का पानी घुस चुका हैं।जिसके चलते आमजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।साथ ही साथ अब लोगों को‌ बीमारीयों का खतरा भी सताने लगा है।
सर्वेश्वरी मुक्ति धाम का शवदाह स्थल भी पूरी तरह मां तमसा  की गोद में समाहित हो चुका हैं।मजबूरन‌ लोगों को शवों को ऊपर जलाना पड़ रहा हैं।अगर इसी तरह बरसात होती रही तो जल्द ही नदी खतरा बिंदु को पार कर जायेगी।

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