पुराने एवं फोरलेन में तब्दील होने से शेष बच गए एनएच-29 हाईवे पर शहर में वाहनों का दबाव चरम पर है। शहरोज मोड़ से लेकर बढुआगोदाम तक इस मार्ग पर अक्सर जाम लगता है। फोरलेन बाइपास का निर्माण कार्य पूरा भी हो जाए तब भी आजमगढ़ से बलिया या बलिया से आजमगढ़ की ओर जाने वाले वाहनों का दबाव शहरोज गांव से घूमकर फिर पुराने एनएच-29 पर ही रहना है। जाम के इसी झाम से आजिज होकर शहरोज गांव निवासी समाजसेवी देवप्रकाश राय ने तत्कालीन जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी को मांग-पत्र तैयार कर दिया। जिसका प्रस्ताव तैयार कर डीएम ने शासन को भेजा। केंद्रीय परिवहन मंत्री से लेकर एनएचआइ के परियोजना प्रबंधक तक देवप्रकाश राय ने कई पत्र लिखा। यही मांग-पत्र वर्तमान जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल को भी दिया गया। जिला प्रशासन के भेजे गए इसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए शासन से लोक निर्माण विभाग व सेतु निगम को स्टीमेट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
जिला प्रशासन से शासन को भेजे गए इस नये फोरलेन के प्रस्ताव पर तब गंभीर मंथन शुरू हो गया, जब एमएलसी अरविद कुमार शर्मा ने इसके निर्माण की मंजूरी मांगते हुए शासन से वार्ता शुरू कर दी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि एमएलसी शर्मा के प्रयासों से ही नये फोरलेन की योजना पाइपलाइन में आई है।
तीन ब्रिज बनेंगे तब बनेगा फोरलेन
बढुआगोदाम से भदसा मानोपुर तक तीन ब्रिज बनाने के बाद ही बाद ही फोरलेन निर्माण हो सकेगा। पहली पुल तमसा नदी पर पुराने पुल के पास, दूसरी रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज तीसरा छोटी सरयू नदी पर शहरोज मोड़ के पास पुल बनाना होगा। विभागीय अभियंताओं ने सर्वे के बाद स्टीमेट तैयार करना शुरू कर दिया है।
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