मऊ सदर सीट पर 5 बार से बाहुबली मुख्तार अंसारी का कब्जा
मऊ सदर सीट की बात करें, तो इस सीट पर पिछले 5 बार से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है और वर्तमान समय में वह बांदा जेल में बंद हैं. हालांकि, प्रदेश की वर्तमान सरकार के द्वारा मुख्तार अंसारी के आर्थिक साम्राज्य को तोड़ने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में बड़ी कानूनी कार्रवाई की गई है, बावजूद इसके अगर हम चुनावी समीकरण की बात करें, तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद इस सीट से मुख्तार अंसारी का लड़ना तय है. जिसमें समाजवादी पार्टी मुख्तार के खिलाफ अपना कोई भी कैंडिडेट नहीं खड़ा करेगी. मुख्तार या तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लड़ेंगे या फिर वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में दिखेंगे.
कौन होगा भाजपा प्रत्याशी?
इस बार के चुनाव में, जहां एक तरफ मुख्तार अंसारी को हराने के लिए बीजेपी के हाई कमान सहित प्रदेश नेतृत्व तमाम तरह से प्रत्याशियों के नाम तय करने के समीकरण में जुटा है, वहीं मऊ की सदर सीट से तमाम नेताओं ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. हालांकि पार्टी हाईकमान द्वारा अभी तक किसी भी नाम पर मुहर नहीं लगी है.
बता दें की दावेदारी करने वालों में विकास पुरुष कल्पनाथ राय की बहू सीता राय, मुख्तार अंसारी को दो बार टक्कर की लड़ाई देने वाले विजय प्रताप सिंह,भाजपा नेता अशोक सिंह
सहित दर्जनों नाम शामिल हैं।अब देखना ये होगा की मऊ सदर से भाजपा किसे अपना चेहरा बनाती हैं।
चर्चाओं का जोर
जनता के बीच में चर्चाएं चल रही हैं की इस बार मऊ को नया विधायक मिलेगा? या फिर मुख्तार जीत का छक्का लगायेंगें? खैर अब तो आने वाले 10 मार्च को यह तय होगा कि क्या छठवीं बार मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी एक बार फिर विधायक चुने जाते हैं या फिर कोई दूसरे दल का उम्मीदवार इनको हराकर इस सीट पर चले आ रहे मुख्तार के तिलस्म को तोड़ने का काम करेगा.
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