हिन्दी की प्रतिष्ठित संस्था हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज का ७४ वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के प्रांगण में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में सम्मेलन का सर्वोच्च सम्मान साहित्य वाचस्पति डॉ कन्हैया सिंह को प्रदान किया गया।
डॉ. कन्हैया सिंह 88 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिन्दी सूफी काव्य और पाठ-सम्पादन के अधिकृत विद्वान के रूप में हिंदी जगत में ख्यातिलब्ध हैं| इन्होंने कुल 35 मौलिक एवं महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का लेखन किया है।
डॉ सिंह अखिल भारतीय साहित्य परिषद नई दिल्ली के 6 वर्ष राष्ट्रीय महामंत्री और 6 वर्ष राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे।
डॉ. कन्हैया सिंह जी ने हिन्दी के प्राध्यापक के रूप में डी ए वी पी जी कॉलेज आजमगढ़, के एम इंस्टिटूट ऑफ़ लिंगुविस्टिक, आगरा में अध्यापन किया तथा उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ के कार्यकारी अध्यक्ष रहे।
इनके विशिष्ट साहित्यिक अवदान के लिए इन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का प. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, केंद्रीय हिंदी संस्थान-आगरा का सुब्रह्मन्यभारती पुरस्कार, हिंदी साहित्य सम्मलेन-प्रयाग का साहित्य महोपाध्याय सम्मान, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, प्रयागराज का गुरु गोरखनाथ शिखर सम्मान आदि सम्मानों से सम्मानित किया जा चुके हैं|
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