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यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षा रद्द, छात्रों में खुशी की लहर। maubeatmedia

लखनऊ:- जहाँ देश भर के छात्रों की निगाहें यूजीसी व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के गतिविधियों पर हैं इन्हीं सब के बीच आज देर शाम सात बजे के करीब न्यूज एट्टिन उत्तराखंड/उत्तर प्रदेश से यूपी मुख्यमंत्री आवास से उपमुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री व तमाम राजकीय विश्वविद्यालयों कुलपति के साथ हुई बैठक की खबर आती हैं व उसमें निष्कर्ष निकला कि इस महामारी व संक्रमण को देखते हुए सभी राज्य विश्वविद्यालयों के परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाएँ। बताते चलें कि इस बैठक में सभी कुलपति की तरफ से अध्यक्षता कर रहे मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति के अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसके मद्देनजर परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया हैं।

तो क्या छात्रों को मिलेगा प्रोमोशन

परीक्षा रद्द की सूचना तो बतायी जा रही पर इस विषय पर स्पष्टता नहीं प्राप्त हुई हैं कि छात्रों को प्रोमोट किया ही जाएगा, बताया जा रहा हैं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के अनुसार किसी भी परिस्थिति में किसी के जीवन से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए व उचित कदम जनहित व छात्रहित में लिया जाना चाहिए। ट्विटर पर अधिकारी, कर्मचारी सबके लिए मुख्यमंत्री ने सूचना प्रेषित की हैं। कमेटी के लोग भी प्रोमोशन के पक्ष में हैं और पूरी स्पष्टता के लिए आगे बैठक किया जाएगा व प्रोमोशन व उसके आधार पर विमर्श कर गाईडलाइन जारी की जाएगी।

छात्रों के विरोध का असर व जीत

इन सबके बीच छात्र व छात्र संगठनों के हर स्तर से जारी किए गए परीक्षा तिथियों का विरोध किया हैं, लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र निरंतर अपना विरोध जता रहें थे और पिछले सप्ताह एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों का भी विरोध ट्विटर पर लगातार देखने को मिल रहा था और प्राप्त सूचना के अनुसार आज अवध विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया न पाने पर सड़क पर भी विरोध जताया है। इन सभी के बीच राहत की खबर यह हैं कि छात्रों के माँग को आलाकमान द्वारा सुना गया, यह छात्रों के जीत के साथ, मुख्यमंत्री योगी जी का छात्रों के मत का सम्मान भी दर्शाता हैं।

बहरहाल इस खबर ने छात्रों को राहत तो दे दी हैं पर अभी भी इंतजार हैं कि आखिरी फैसला क्या होता हैं। प्रोमोशन कब होता हैं और उसके आधार क्या होंगे इसको लेकर छात्र काफी लालायित हैं। उधर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों का भी नजर लगातार यूजीसी व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के गतिविधियों पर बना हुआ हैं।

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