मुख्तार अंसारी की विधायिकी पर खतरा, विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी गयी याचिका
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यूपी सरकार जहां एक ओर मुख्तार के करीबियों पर शिकंजा कस रही है तो दूसरी तरफ उनकी विधानसभा सदस्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है। एक समाजसेवी ने बुधवार को लखनऊ में विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित को याचिका सौंपकर मुख्तार अंसारी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
अपनी याचिका में 'माफिया विरोधी मंच' के प्रमुख सुधीर सिंह ने ये तर्क दिया है कि मुख्तार अंसारी विधानसभा के किसी भी सत्र या संवैधानिक चर्चा में शामिल नही हुए हैं। संविधान के मुताबिक, लगातार 60 दिन तक विधानसभा में अनुपस्थित रहने वाले विधायक की सदस्यता रद्द की जा सकती है। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में सुधीर सिंह ने बताया कि 10 साल से माफिया मुख्तार अंसारी अपने बाहुबल कर कारण मऊ विधानसभा सीट से विधायक चुने जा रहे हैं। लेकिन विधायक चुने जाने के बाद भी वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने एक भी विधानसभा सत्र में भाग नही लिया है। ऐसे में हमारी मांग है कि उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होनी चाहिए।
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