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मुख्तार अंसारी को यूपी लाने के लिए आमादा हैं योगी सरकार

मुख्तार अंसारी को यूपी लाने के लिए आमादा हैं योगी सरकार
सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर गाजीपुर पुलिस पंजाब रवाना

*लखनऊ:* उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से यूपी लाने के लिए कानूनी विकल्पों का सहारा ले रही है। मुख्तार के मेडिकल कवच का काट हासिल करने के लिए यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा पहुंची है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद रोपड़ जेल अधीक्षक को 18 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया था। उस नोटिस को रोपड़ जेल अधीक्षक को हैंड डिलीवरी करवाने की योजना यूपी सरकार ने बनाई है। इसके लिए गाजीपुर पुलिस की दो सदस्यीय टीम को दिल्ली होते हुए रोपड़ और चंडीगढ़ रवाना किया है। टीम दिल्ली जाकर यूपी सरकार के वकील गरिमा प्रसाद से नोटिस लेकर रोपड़ रवाना होगी और जेल अधीक्षक को नोटिस सौंपेंगी। 
बता दें कि पंजाब में दर्ज रंगदारी के एक मामले में मुख्‍तार अंसारी पर केस दर्ज कर रोपड़ जेल ले जाया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मुख्तार को बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। तब से मुख्तार रोपड़ जेल में ही बंद है। इस दौरान यूपी पुलिस की खूब किरकिरी हुई। वजह रही कि मुख्तार को पेशी के लिए यूपी लाने गई गाजीपुर और आजमगढ़ पुलिस को बैरंग ही वापस आना पड़ा था। गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज फर्जी दस्‍तावेजों पर असलहे का लाइसेंस लेने के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में उसकी पेशी होनी थी। वहीं, आजमगढ़ में दर्ज आपराधिक मामले में मुख्‍तार को वहां सेशन कोर्ट में पेश किया जाना था। मुख्तार को पेश करने के लिए कई बार नोटिस जारी तो की गई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। 
*पंजाब सरकार पर मुख्‍तार को बचाने का आरोप*
कोर्ट में विचाराधीन मामलों में पेशी के लिए गाजीपुर और आजमगढ़ की पुलिस कई बार रोपड़ जेल गई, लेकिन हर बार मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देकर मुख्तार को यूपी पुलिस को सौंपने से रोपड़ जेल प्रशासन आनाकानी करती रहा। दबाव बढ़ने पर रोपड़ जेल के अधिकारियों ने मुख्तार की मेडिकल रिपोर्ट भी यूपी पुलिस को सौंपी थी ।आरोप यह लगा कि पंजाब सरकार मुख्तार का बचाव कर रही है और यही वजह है कि उसको यूपी नहीं भेजा जा रहा है। अंत मे यूपी सरकार को इस मामले को लीगल चैनल से हैंडल करना पड़ा। एनबीटी ऑनलाइन को साल 2020 में ही डीआईजी आजमगढ़ सुभाष दूबे ने बताया था कि मुख्तार के मेडिकल कवच का कानून काट निकालने के लिए लीगल कंसल्टेशन का दौर जारी है।

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