विज्ञापन के लिए संपर्क

कोरोना की दूसरी लहर घातक कम, संक्रामक ज्यादा, मृत्‍यु दर को लेकर जानें क्‍या कहते हैं आंकड़े

नई दिल्ली:- कोरोना महामारी की दूसरी लहर पिछले साल सितंबर में सामने आई पहली लहर से कई मायनों में अलग है। पहली लहर संक्रामक के साथ-साथ घातक भी थी, लेकिन दूसरी लहर संक्रामक ज्यादा और घातक कम है। इसमें संक्रमितों की संख्या तो ज्यादा तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसके अनुपात में मौतें कम हो रही हैं। लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

दूसरी लहर में मौत का अनुपात कम 

समाचार एजेंसी आइएएनएस लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि फरवरी से अप्रैल के बीच दैनिक मामलों के 10 हजार से 80 हजार पहुंचने में 40 दिन से भी कम समय लगा जबकि पिछले साल सितंबर में पहली लहर में 83 दिनों में दैनिक मामलों में इतनी वृद्धि हुई थी। हालांकि, समग्र मामलों की तुलना में मौत का अनुपात (सीएफआर) दूसरी लहर में कम है।

Post a Comment

0 Comments