34 सदस्यीय जिला पंचायत में सबसे ज्यादा 22 निर्दलीय थे। इसमें भाजपा के दो, सपा के दो, बसपा के सात तथा भासपा का एक सदस्य था। चुनाव जीतने के बाद निर्दलीय राधेश्याम मौर्य ने जहां भाजपा की सदस्यता ले ली, वहीं निर्दलीय रामनगीना यादव ने सपा की सदस्यता ली। अब भाजपा व सपा के तीन-तीन सदस्य हो गए हैं। इससे निर्दलीयों की संख्या भी 22 से घटकर 20 हो गई। बहुमत से अधिक निर्दलीयों की संख्या को देखते हुए जितेंद्र कुमार गोयल ने अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का मन बनाया है। अब धनबल-बाहुबल के सामने निर्दलीय कितना टिकते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इधर सबसे अंत में भाजपा ने मनोज राय को अपना प्रत्याशी घोषित करते हुए चुनाव को रोमांचक बना दिया है। मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा के बीच होने के आसार हैं। शनिवार को 11 बजे से होने वाले नामांकन में सदस्यों की संख्या काफी हद तक तय कर देगी कि चुनावी बयार किधर बह रही है
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