बबलू चौहान अपने परिवार के साथ रात में खाना खाकर सो रहे थे। देर रात में अचानक बारिश शुरू हो गई। उसी दौरान लगभग एक बजे खपरैल का कच्चा मकान एकाएक भर-भराकर गिर गया। हादसे में मकान के मलबे में सभी स्वजन दब गए। मकान गिरने की आवाज सुनकर रात में ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और वहां की स्थिति देख हतप्रभ रह गए। मकान में फंसे लोगों को बचाने के क्रम में लोगों ने मलबा हटाना शुरू किया। करीब आधी घंटे की मशक्कत के बाद मलबा हटाकर घर में मौजूद लोगों को बाहर निकाला गया। मलबे में दबने से मां टुअरी देवी एवंश्राध्या की मौत हो चुकी थी। जबकि बबलू, पुष्पा, आराध्या तथा बेटा नित्यम गंभीर रूप से घायल थे। नित्यम की हालत गंभीर बनी हुई थी। वहीं अन्य की हालत खतरे से बाहर बताई गई। उधर, हादसे की जानकारी मिलते ही बुधवार सुबह लगभग 9 बजे तहसीलदार संत विजय लेखपाल व अन्य विभागीय लोगों के साथ मौके पर पहुंच गए। इन लोगों ने नुकसान हुए मकान व खाने-पीने के बर्बाद हुए सामान आदि की रिपोर्ट तैयार कर संबंधित उच्चाधिकारियों को भेजी। इसके कुछ ही देर बाद मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाल नीरज कुमार पाठक भी मौके पर पहुंचे और स्वजनों का हालचाल जाना। बुधवार देर शाम शवों का संस्कार किया गया।
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