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डेंगू से बचाव को बरते सावधानी, लक्षण मिलते ही चिकित्सक से लें परामर्श : सीएमओ

मऊ : प्रदेश के कई अन्य जिलों में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अक्सर बारिश के दिनों में मच्छरों के पनपने से इस बीमारी के मरीजों में इजाफा होता है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ऐसे मरीजों के उपचार और रोकथाम के लिए अनेक तरह के उपाय किए जा रहे हैं। दवा छिड़काव से लेकर जनपद में अभियान चलाकर बुखार से ग्रसित मरीजों की पहचान करा उनकी जांच कराई जा रही है।

सीएमओ डा. एसएन दूबे ने बताया कोरोना काल में इन मौसमी बीमारियों को लेकर डरने नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि इन बीमारियों के लक्षण लगभग मिलते-जुलते हैं। इसलिए सर्दी, जुकाम, बुखार व खांसी की स्थिति में सीधे नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर चिकित्सक के परामर्श से ही दवा लें। डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होती है। शुरू के 3 से 4 घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती हैं। डेंगू बुखार 2 से 4 दिन तक रहता है और फिर धीरे-धीरे तापमान सामान्य हो जाता है। बुखार के साथ-साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। इस रोग को जन्म देने वाला मच्छर स्वच्छ रुके हुए कम पानी में पैदा होता है, जैसे नारियल की खोल, टायर, छत या बाहर बेकार पड़े बर्तन, फ्रिज की ट्रे, कूलर की टंकी आदि। इसलिए पानी इनमें एकत्र न होने दें। यह डेंगू मच्छर इंसान को दिन में काटता है, जमीन से डेढ़ से दो फिट से ज्यादा ऊपर नहीं उड़ सकता है।

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