बता दें कि समाजसेवी शहरोज निवासी देवप्रकाश राय की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रेलवे एवं जिला प्रशासन ने बालनिकेतन रेलवे क्रासिग संख्या जीरो-बी पर ओवरब्रिज निर्माण करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के विचारार्थ भेजा था। प्रदेश की योगी सरकार ने अप्रैल 2020 में ही रेलवे व जिला प्रशासन के ओवरब्रिज निर्माण के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी देते हुए आगणन तैयार करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सेतु निगम को सौंप दिया था। पिछले लगभग दो वर्षों से सेतु निगम की आजमगढ़ शाखा के इंजीनियर बीएसएनएल, बिजली विभाग, नगर पालिका, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों से उनके हिस्से का आगणन प्राप्त कर अंतिम आगणन रिपोर्ट तैयार करने में लगे थे। उत्तर प्रदेश सेतु निगम एवं जीरो-बी ओवरब्रिज के उप परियोजना प्रबंधक आरएस राय ने बताया कि आगणन रिपोर्ट कुछ विभागों से विलंब से प्राप्त हुई। साथ ही रेलवे की ओर से ओवरब्रिज के प्रारूप में कई बार संशोधन होने से अंतिम आगणन तैयार करने में विलंब हुआ है। कहा कि 125 करोड़ रुपये की लागत का आगणन यानि स्टीमेट रेलवे की ओर से दिए गए फोरलेन ओवरब्रिज के नक्शे एवं डिजाइन पर ही तैयार किया गया है।
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