जिला अस्पताल में ब्लड बैंक सही मायने में जनपद सहित आस पास के लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा था। कोरोना संक्रमण काल से पहले यहां हर माह लोग रक्तदान करते थे लेकिन दो वर्ष पहले कोरोना की रफ्तार बढ़ने के बाद से इस पर ग्रहण लग गया जो अभी तक चल रहा है। इस समय ब्लड बैंक कुल 15 कर्मचारी तैनात है। जरूरत होने पर यह लोग भी स्वयं रक्तदान करते है और जरूरत मंद को रक्त देते है। वर्तमान समय में पाजिटिव ग्रुप की श्रेणी में ओ और ए ग्रुप का खून नहीं है। कर्मियों के अनुसार पाजिटिव श्रेणी में ओ और ए की मांग ज्यादा रहती है। इसकी भी कमी है। वहीं निगेटिव ग्रुप के जितनी भी श्रेणी है उसे दुर्लभ श्रेणी कहा जाता है। इस श्रेणी के रक्त का अभाव बना हुआ है। हालांकि ब्लड बैंक की टीम की तरफ से जिले के डोनर ग्रुप, निजी रक्तदाता और संस्था से संपर्क कर रक्तदान कराया जाता है।
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