पीड़ित स्वयं चौहान एवं भाई सुदर्शन चौहान, अंबिका चौहान, मुन्ना चौहान, पुत्रगण नरेश चौहान का पूरा परिवार बीती रात्रि रविवार को गांव में ही एक धार्मिक कार्यक्रम में चले गए। जबकि स्वयं चौहान की पत्नी माधुरी अपने घर के बाहर चारपाई पर लेटी हुई थी। इसी बीच अज्ञात कारणों से स्वयं चौहान के घर में आग लग गई। इसके बाद बाहर सो रही माधुरी देवी ने शोर मचाना प्रारंभ कर दिया। अगल-बगल के ग्रामवासी आग की लपटों को देखकर मौके पर पहुंचकर पानी से आग बुझाना शुरू कर दिया। आग की सूचना जब तीनों भाइयों को मिली तो वह भागते हुए घर पहुंचे और देखा कि आग की लपटों में पूरा घर मकान जल रहा है। वहां मौजूद दर्जनों ग्रामीणों ने बगल में लगा समबर्सिबल चालू कर लगी हुई आग पर पानी डालकर आग को घंटों तक बुझाने का प्रयास का करते रहे। कुछ ग्रामीणों द्वारा बाल्टी-बाल्टी पानी से आग बुझा रहे थे, लेकिन घर में रखे भूसे के कारण आग और धधकने लगी । आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक चारों भाइयों का आशियाना पूरी तरह से उजड़ गया। स्वयं चौहान की पत्नी माधुरी ने अपने एक रिश्तेदार की शादी में जाने के लिए एक मंगलसूत्र बनवाया था और उसका खुद का गहना एवं 35 हजार रुपये नगद था। कुल मिलाकर सात थान गहना आग में जलकर बर्बाद हो गई। सूचना पर सुबह सोमवार को गांव के संबंधित लेखपाल रघुपति पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और रिपोर्ट तैयार कर अपने उच्चाधिकारियों को भेजा।
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