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Mau:-सूर्योपासना के महापर्व को लेकर हर ओर हो रही ब्यापक तैयारी

मऊ: पुत्र की लम्बी उम्र की कामनाओं के साथ व्रती महिलाओं की निर्जला व्रत उपासना का तीन दिनों तक चलने वाला महापर्व छठ आज से.शुरु हो गया है।..
शनिवार से शुरु होकर छठ का यह महापर्व विभिन्न तिथियों पर सांस्कृतिक मान्यता व भारतीय परंपरा को साथ लिये सोमवार को सम्पन्न होगा। छठ का यह महापर्व राजा प्रियंवद की संतान प्राप्ति के लिये किये गये अनुष्ठान पर पुत्र रत्न की प्राप्ति होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। राजा प्रियंवद ने पुत्र इच्छा के कारण देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हे पुत्र की प्राप्ति हुई। कहतें हैं ये पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी और तभी से छठ पूजा होती है। मान्यता है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की उपासना करके की थी। कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और घण्टों कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते थे। भगवान सूर्य की कृपा से ही वो एक महान योद्धा के रुप में प्रचलित हुए। लोक परंपरा के अनुसार सूर्य देव छठ मईया का सम्बन्ध भाई-बहन का सम्बन्ध माना गया है। इसलिये सूर्य की उपासना फलदायी मानी गयी है। डाला छठ के इस महापर्व पर क्षेत्र के घोसी नगर स्थित सीताकुंड, नरोखर पोखरा, मझवारा के बघवत बाबा पोखरा, मूंगेसर, लठियां, मझवारा, पवनी, खैरा मोहम्मदपुर, लुदुहीं, नकटा, मूंगमास में व्रती महिलाओं द्वारा बड़े धूमधाम व श्रद्धा के साथ पुत्र की लम्बी उम्र की कामना के साथ शनिवार से शुरु हो गया।

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