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ह्त्या के मामले में दो को दी गई आजीवन कारावास की सजा

ह्त्या के मामले में दो को दी गई आजीवन कारावास की सजा
मऊ: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो रामराज ने हत्या कर साक्ष्य मिटाने के मामले में दो आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा के साथ ही कुल 15-15 हजार रूपये अर्थदंड निर्धारित किया ।अर्थदंड न देने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामला दक्षिण टोला थाना क्षेत्र का है । 
अभियोजन के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के अलाउद्दीनपुर मोहल्ला निवासी अब्दुरर्हमान पुत्र यूसुफ की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज हुई। इसमें दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के हमीनपुरा मोहल्ला निवासी सेराज कुरैशी पुत्र मुख्तार और खेदूपुरा मुहल्ला निवासी रफी अहमद पुत्र टिल्ठू उर्फ इकबाल अहमद को आरोपी बनाया गया।
वादी का आरोप है कि असलम को असलम को आरोपीगण छह नवंबर 2016 की शाम पशु की खरीदारी के लिए ले गए, 9 नवंबर को भट्ट कुआं पट्टी के पास स्थित एक विद्यालय में असलम का शव मिला। वादी की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बाद विवेचना आरोपपत्र कोर्ट में प्रेषित किया। कोर्ट में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए एडीजीसी फौजदारी ने कुल छह गवाहों को पेश कर अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष से कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है ।
एडीजे ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपीगण सेराज कुरैशी और रफी अहमद को हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया। दोषी पाए जाने के बाद दोनों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा के साथ ही दस-दस हजार रूपये अर्थदंड तथा साक्ष्य मिटाने के मामले में 4-4 वर्ष की सजा के साथ ही पांच-पांच हजार रूपये अर्थदंड निर्धारित किया। अर्थदंड न देने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं अर्थदंड जमा हो जाने पर 50 प्रतिशत धनराशि मृतक के आश्रितों को देने का आदेश दिया।

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