विज्ञापन के लिए संपर्क

अजित सिंह हत्याकांड,शुरु से पढिए पूरी कहानी

अजित सिंह हत्याकांड,शुरु से पढिए पूरी कहानी 

*लखनऊ:* विभूतिखंड में कठौता पुलिस चौकी के सामने भीड़भाड़ वाले चौराहे पर बुधवार सरेशाम गैंगवार के दौरान 35 राउंड फायरिंग से राजधानी थर्रा उठी।
वारदात में मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, अजीत को आठ से दस गोलियां लगी हैं। वहीं, उसके साथी मोहर सिंह व राहगीर डिलीवरी ब्वॉय को गोली लगी।
राजधानी में 24 घंटे के अंदर दो थानाक्षेत्रों में हुए गोलीबारी व दो हत्याओं से कमिश्नरेट की पुलिसिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दोनों वारदात पुलिस के चौकी के चंद कदमों की दूरी पर हुईं।

गैंगवार के मामले में पुलिस की पूछताछ में तीन लोगों के नाम सामने आए हैं। मऊ मोहम्मदाबाद गोहना पूर्व प्रमुख अजीत सिंह गोमतीनगर विस्तार के राप्ती अपार्टमेंट में रहता था।
वह मूलरूप से मऊ के भदीड़ गांव का रहने वाला था। पुलिस मामले में मोहर सिंह को भी संदेह के घेरे में रखे है। पुलिस के मुताबिक, दिसंबर में जिलाबदर किए जाने के बाद उसने राजधानी में शरण ली थी।
बुधवार शाम करीब 8.30 बजे वह साथी मोहर सिंह के साथ कठौता चौराहे पर स्थित उदय टॉवर गया था। जैसे ही वह गाड़ी से उतरा बदमाशों ने उस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।
जवाब में मोहर सिंह ने भी फायरिंग की लेकिन, दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, इस मामले में राहगीर डिलीवरी ब्वॉय आकाश भी घायल हो गया।
ड्यूटी पर मुस्तैद महिला सिपाही ने राहगीर आकाश को पास के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद लोहिया रेफर कर दिया गया।
पुलिस की पूछताछ में गैंगवार के मामले में ध्रुव सिंह उर्फकुंटू सिंह, अखिलेश उर्फ कुनकुन सिंह और गिरधारी शर्मा का नाम सामने आया है।
अजीत के साथी मोहर सिंह ने पुलिस को पूछताछ में कुंटू और कुनकुन पर साजिश केतहत हमला कराने व गिराधारी से हत्या कराने का आरोप लगाया है।

*तीन मिनट में हत्या कर बाइक से भाग निकले बदमाश*

स्थानीय लोगों के मुताबिक, अजीत पर हमला करने आए बदमाश पैदल थे। उन्हें चौराहे के बारे में पूरी जानकारी थी और बाइक कुछ दूर खड़ी की थी। अजीत के गाड़ी से उतरते ही गोलियां बरसाने के बाद बदमाशों ने पैदल ही भाग निकले। इस दौरान गोलियां चलाते रहें और बाइक के पास पहुंचकर आराम से भाग निकले। बदमाशों ने पूरी वारदात महज तीन मिनट में अंजाम दी। पुलिस ने गैंगवार में कुल 35 राउंड गोलियां चलने की पुष्टि की। पुलिस के मुताबिक, अजीत को आठ से दस और मोहर को तीन गोलियां लगने की बात सामने आई है।

*दो दिन में दो हत्याकांड से दहली राजधानी*

राजधानी में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पहली बार गैंगवार हुआ है। दो दिनों में दो हत्याकांड से राजधानी दहल गई है। मंगलवार को दिनदहाड़े ठाकुरगंज में विपिन विश्वकर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात में बदमाशों ने पांच राउंड फायरिंग की थी। वहीं, बुधवार सरेशाम पूर्व प्रमुख की गोलियों से भूनने व साथी सहित दो के घायल होने से पूरा इलाका दहशत में हैं। लगातार हो रही वारदातों से कमिश्नरेट की पुलिसिंग सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस चौकी के चंद कदमों की दूरी पर होने वाले वारदात पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

*पत्नी के बाद नौकरानी को बनाया था प्रमुख*

सामान्य सीट पर अजीत सिंह खुद ब्लॉक प्रमुख रहे। इसके बाद 2005 में महिला आरक्षित होने पर पत्नी रानू सिंह को प्रमुख बनवा लिया। इसके बाद जब सीट पिछड़ी वर्ग के लिए आरक्षित हुई तो कुंटू सिंह का करीबी और मऊ का गैंगेस्टर गिरधारी शर्मा ने दावा ठोंक दिया। इस चुनाव में अजीत सिंह से कुंटू सिंह ने चुनाव न लड़ने के लिए कहा लेकिन, अजीत ने अपनी नौकरानी मनभाती को चुनाव मैदान में उतार दिया। अजीत ने अपने तिगड़म और बाहुबल से चुनाव में जीत हासिल की। यह बात कुंटू सिंह को नागवार लगी। पुलिस के मुताबिक, मोहर सिंह अजीत के साथ साए की तरह चलता था।

*मुख्तार के तीन करीबियों की हो चुकी है गैंगवार में हत्या*

मुख्तार अंसारी के करीबी रहे तीन गुर्गों की राजधानी में गैंगवार के दौरान हत्या कर दी गई। इसमें सबसे पहले मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की हत्या विकासनगर में की गई थी। इसके बाद एक दिसंबर 2018 को मुन्ना के करीबी तारिक की हत्या गोमतीनगर के ग्वारी फ्लाईओवर पर कर दी गई थी। इसके बाद छह जनवरी को अजीत सिंह उर्फ अजीत लंगड़ा की हत्या गैंगवार में हुई। पुष्पजीत और तारिक मुन्ना बजरंगी के जरिए मुख्तार अंसारी से जुड़े थे। वहीं, अजीत सीधे मुख्तार के संपर्क में था। मऊ में अजीत सिंह का गिरोह मुख्तार अंसारी के सहयोगी के रूप में दर्ज है।
कभी कुंटू का करीबी था अजीत सिंह
पुलिस के मुताबिक, अजीत सिंह उर्फ अजीत लंगड़ा ने जुर्म की दुनिया में कदम रखा तो उसका सबसे करीबी साथी ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह और फिर अखंड उर्फ कुनकुन सिंह था। 19 जुलाई 2013 में कुंटू और कुनकुन सिंह ने गिरधारी शर्मा के साथ मिलकर जीयनपुर सीट से विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू सिंह की घर में घुसकर कर दी थी। इसके बाद कुंटू और अजीत के बीच दूरियां बढ़ गईं। विधायक हत्याकांड में अजीत मुख्य गवाह बन गया। पुलिस के मुताबिक, इस मुकदमे की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। अजीत की गवाही से जेल में बंद कुंटू सिंह और कुनकुन सिंह को सजा हो सकती थी। इसीलिए उसे गवाही देने से रोका जा रहा था लेकिन, वह मान नहीं रहा था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
अजीत के गाड़ी में मिली दो लोडेड पिस्तौल
पुलिस के मुताबिक, वारदात में बदमाशों ने नौ एमएम पिस्तौल का इस्तेमाल किया है। वारदात स्थल पर जांच करने पहुंची पुलिस टीम ने अजीत की गाड़ी की भी जांच की। इस दौरान गाड़ी के लॉक तोड़े गए तो अंदर से अजीत की दो लोडेड पिस्तौलें मिलीं। दोनों से गोली चलने की भी पुष्टि हुई है। गाड़ी के अंदर भी खून के निशान मिले। एक बदमाश के घायल होने की पुष्टि भी पुलिस कर रही है। पुलिस घायल बदमाश को सरगर्मी से तलाश रही है।

*थाने में चल रही थी साहब की मीटिंग*
कठौता चौराहे पर जिस समय वारदात हुई। उसी समय डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन ने पूरे थाने के निरीक्षक व उपनिरीक्षक की बैठक थाने में बुला रखी थी। शाम के समय उन्हें इस बात का भी ख्याल नहीं रहा कि पिकेट पर पुलिस की मुस्तैदी भी जरूरी है। एक दिन पहले गोमतीनगर थाने में पुलिसकर्मियों की असलहा परीक्षा ली थी। जो असफल रहे उनको लाइन हाजिर करने की हिदायत दी थी। साहब का खौफ इतना हो गया है कि मीटिंग से पहले ही सभी पुलिसकर्मी थाने में कसरत करने लगते हैं।

Post a Comment

0 Comments