पीड़ित ने समझा कि कोई बीमा धारक का फोन है। वह किश्त के रुपये भेजना चाहता है, यह समझकर बीमा एजेंट ने फोन करने वाले को अपना खाता नंबर बता दिया। उसके बाद उसने कहा कि आप अपने मोबाइल पर देखकर ओटीपी नंबर को बता दीजिए हमारे खाते से आप के खाते पर बीमा के किश्त के रुपये चले जाएंगे। पीड़ित ने मोबाइल पर आए ओटीपी को फोन करने वाले को बता दिया। उसके कुछ ही क्षणों में उसके खाते 20,000 रुपया निकाले जाने का मैसेज आ गया। मोबाइल पर आये मैसेज से बीमा एजेंट को ठगे जाने की जानकारी हुई। पीड़ित ने थाने पहुंचकर तहरीर दी। इस संबंध में थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्र ने ऐसी जानकारी न होने की बात कही।
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